सोमवार, 23 नवंबर 2009

सोनिया-राहुल की चुनावीसभा के बाद

बाबूलाल मरांडी को झारखण्ड का राज ठाकरे बनाने की कांग्रेसिया तैयारी

कांग्रेस ने झारख्ण्ड मे जेवीम सुप्रीमो व पूर्व मुख्य्मंत्री श्री बाबूलाल मरांडी को उस नये मुखौटे मे पेश करना शुरू कर दिया है,जिसका अन्देशा पहले से था.प्रांत के इकलौता सांसद व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने पार्टी की कथित महारानी सोनिया गान्धी तथा युवराज राहुल गान्धी के चुनावी दौरे के बाद जिस तरह के बयान देने शुरू किये है,उससे एक बडी आबादी सहम सी गई है.उल्लेखनीय है कि आसन्न विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस ने जेवीम के साथ गठबन्धन किया है.

श्री सहाय नेडोमिसाईलयानि स्थानियता जैसे संवेदनशील मुद्दे के कट्टर समर्थक श्री मरांडी को क्लीनचीट देते हुये ईमानदार व विकासपरक नेता करार दिया है.राजनीतिक विष्लेशक बताते है कि कांग्रेस ने ये तेवर सोनिया-राहुल की उस चुनावी सभा के बाद अपनाई है,जो ज्यादा कारगर होते नही दिख रहे है. ऐसे मे आदिवासी समुदाय के वोट को झामुमो तथा अन्य स्थानीय दलो के कब्जे से खींचने हेतु यह नया फार्मूला ईजाद किया है.

कांग्रेस का मानना है कि जिस तरह से महाराष्ट्र मे शिव सेना सुप्रीमो बाल ठाकरे को कमजोर करने मे मनसे नेता राज ठाकरे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,ठीक उसी तरह झारखण्ड मे बाबूलाल मरांडी को समर्थन दिया जाय. जिससे आगे की राजनीति मजबूत हो सके.

याद रहे कि बिहार राज्य से जब अलग होकर झारखण्ड राज्य का निर्माण हुआ,तब भाजपा ने श्री बाबूलाल मरांडी को ही मुख्यमंत्री बनाया था.लेकिन सत्ता मे आते ही मरांडी ने बिहार का लालू यादव बनने की लालसा मेडोमिसाईलका मुद्दा छेड दिया. नतीजतन तब समुचा झारखण्ड प्रांत स्थानीयता वनाम बाहरी की आग मे जलने लगा. उस समय भारी जान-माल का नुकसान हुआ था.चूकि झारखण्ड शुरू से ही भाजपा का गढ रहा है,अतः येन-केन-परक्रेण कांग्रेस अपना सिक्का जमाना चाहती है.

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