सोमवार, 21 दिसंबर 2009

न.1 दैनिक जागरण के 2न. संवाददाता

समझ मे नही आता कि ऐसे लोगो को क्या कहा जाय. संवाददाता या कार्यकर्ता या..........या कुछ और. मै नही समझता कि रांची से प्रकाशित .1 अखबार का दावा करने वाली दैनिक जागरण के जिस संवाददाता के बारे मे लिखने जा रहा हूँ, वह यह एक गजब का कीडा है. राजधानी रांची जिले के ओरमांझी जैसे ग्रामीण क्षेत्र मे पहली बार कंपूटर शिक्षा से जुडे आई एल एफ एस और कंप्यूटर निर्माण से जुडे कंपणी इंटेल ने एक स्थानीय सियाजी इंस्च्यूट ओफ कंप्यूटर एजुकेशन+मैनेजमेंट के अथक प्रयास से ग्रामीण क्षेत्रो के छात्र-छात्राओ के व्यक्तित्व विकास और कंप्यूटर शिक्षा विषय पर राष्ट्रीय स्तर का सेमीनार का आयोजन किया गया. इस अखबार के संवाददाता ने दो दिन पूर्व मिले कार्यक्रम के निमंत्रण-पत्र को ही समाचार बना डाला.. विषय से बिल्कुल अलग हटकर इस संवाददाता ने समाचार ही प्रेषण नही किया अपितु आयोजक मुख्य वक्ताओ को गौण कर उसकी जगह अपने चहेते लोगो के नाम छाप दिया.,जिसका आयोजन से कोई संबन्ध नही था.आई.एल.एफ.एस. इंटेल के मुख्यवक्ताओ के नाम भी गायब कर दिया. समूचा समाचार महज खानापूर्ति लग रहा है. आखिर रांची के बडे-बडे होटलो मे दो-चार लोगो के सेमिनार को काफी प्रमुखता देने वाली दैनिक जागरण ग्रामीण क्षेत्रो के प्रति ऐसी नकारात्मक रवैया क्यो अपनाती है. ओरमांझी के प्रमोद नामक जैसे संवाददाताओ के बदनाम करनेवाली छवि को प्रश्रय देकर यह अखबार किस नये झारखंड के निर्माण करने मे योगदान देने का नंबर 1 दावा कर रही है

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