शनिवार, 26 सितंबर 2009

"झारखण्ड : सिर्फ़ सनसनी फैलाकर आगे बढना चाहती है दैनिक जागरण अखबार"

दैनिक जागरण अखबार झारखण्ड में जबसे अपना कदम रखी ,ज्वलंत समस्याओं को उजागर करने के नाम पर अपने असंवेदनशील संवाददाताओं के बल कहीं अधिक सनसनी फैलाने का कार्य करने में जुटी है।
गहन अध्यन करने पर पता चलता है कि संभवतः इस अखबार के सम्पादकीय नीति शहरों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों के समाचारों को कुछ ज्यादा हीं नमक मिर्च लगाती है। चूकि इस अखबार के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रायः संवाददाता पूर्व के अखबारों के बहिस्कृत - तिरस्कृत हैं, वे तथ्यों से अधिक चौक-चौराहों के गप्पबाजी ,कल्पनाशक्ति फ़िर झूठे स्रोतों (स्वार्थी तत्व ) से प्रेरित होकर समाचार लेखन में माहिर दिखते हैं। उदाहरण के तौर पर गत २५ सितम्बर,२००९ को रांची से प्रकाशित दैनिक जागरण के पृष्ठ संख्या -७ पर "दो सौ फीट चौडी होगी रांची- बरही फोर लेन सड़क " शीर्षक से प्रकाशित ख़बर को लीजिये। संवाददाता ने भारत सरकार के राष्ट्रीय उच्च मार्ग निर्माण द्वारा सड़क चौडी करने का समाचार प्रेषित किया है। इस समाचार में यह भी लिखित है कि सड़क किनारे हजारों पक्के मकान जो पूर्णतः व्यावसायिक बाजार क्षेत्र के अर्न्तगत आते हैं, तोड़ दिए जायेगें।
यह एक ऎसी ख़बर है जिसके पढने के बाद प्रभावित लोगों में भय और आक्रोश का माहौल कायम हो गया। इस ख़बर के स्रोत में "एक सक्षम अधिकारी के अनुसार", "जानकारों ने दावा किया", "ग्रामीण कहतें है", जैसे जुमलों का प्रयोग किया है। जबकि राष्ट्रीय उच्च मार्ग / झारखण्ड सरकार या उसके किसी भी नुमाय्न्दे की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक सूचना इस सन्दर्भ में नही दी गई है। सिर्फ़ सरकार की ओर से एक गजट का प्रकाशन की गई है, जिस पर भारी विवाद उठ खडा हो गया है जिसका निपटारा सरकारी स्तर पर की जा रही है।

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