मंगलवार, 19 अप्रैल 2011

कसाई कौन ? डॉक्टर या दैनिक भास्कर ?


आज बदलते लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में मीडिया की प्रमुख भूमिका है.....आम नागरिक जब किसी भी तंत्र से उब जाता है या उसका शोषण-दमन होने लगता है...तो वह एक आस के साथ मीडिया की चौखट पर कदम रखता है..लेकिन जब कोई मीडियाकर्मी ही कसाई बन जाए तो आप समझ सकते हैं कि पीड़ित व्यक्ति के दिल से कैसी आह निकलती होगी….
गौर से देखिए संलग्न तस्वीर को.. यह तस्वीर है रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड मुख्यालय से सटे गांव हरचंडा निवासी सत्यनारयण साहु और दैनिक भास्कर में प्रकाशित नियमित कॉलम की.
मामूली पेट की शिकायत को लेकर दलाल के चक्कर में आकर पहुंच गया रांची के पिस्का मोड़ के पास सिटी हॉस्पीटल के एक डॉक्टर के चंगुल में.....उसने कसाई बन कर मनचाहे तरीके से पेट को दो-दो बार चीर-फाड़ डाला......उसे सही तरीके से टांका तक नहीं और रोगी से करीब एक लाख रुपए ठग लिए. पीड़ित का ताजा हाल यह है कि अपने पेट को वगैर बेल्ट बांधे चल-फिर भी नहीं सकता.
जब पीड़ित को गलत इलाज कर ठगे जाने का भान हुआ तो उसने रांची के दूसरे डॉक्टरों से दिखाया..दूसरे कई डॉक्टरों ने साफ तौर पर कहा कि उसका दोनों बार गलत ऑपरेशन हुआ है.... सीएमसी,वेल्लौर के डॉक्टरों ने भी यही बताया और कहा कि पेट को ठीक करने के लिए पुन: ऑपरेशन करना पड़ेगा...जिसमें एक लाख रुपए से ऊपर खर्च आएंगे.
अत्यंत शर्म की बात तो यह है कि दैनिक भास्कर,रांची में एक नियमित कॉलम पढ़ कर पीड़ित अखबार के दफ्तर पहुंचा और कॉलमिस्ट को सप्रमाण सारी बातें बताई....जिसने मानवता को शर्मसार कर देने वाली इस गोरखधंधे को बेनकाब कर देने की पहले दुहाई तो दी...लेकिन, बाद में डॉक्टर से मिल कर मामले को दबा दिया.....जाहिर है कि अखबार का यह कॉलम भी दलाली करने का एक जरिया प्रतीत होता है...जो पट गया,वह बच गया और जो न पटा, वह छप गया..
अब आप ही बताइए....असली कसाई कौन है ? डॉक्टर या दैनिक भास्कर ?
इधर, रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड मुख्यालय से सटे गांव हरचंडा निवासी सत्यनारयण साहु ने रांची के सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय को एक पत्र लिखा है.जो निम्न है......पीड़ित को विश्वास है कि उसे न्याय अवश्य मिलेगा.अब देखना है कि आगे क्या होता है.

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