बुधवार, 30 सितंबर 2009

"झारखंड:उग्रवादियों से सांठ-गांठ कर अपना प्रभाव बढा रही है इसाई मिशनरियां "

झारखण्ड में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए इसाई मिशनरियों ने उग्रवादियों से सांठ-गाँठ कर ली है। झारखण्ड के जिन क्षेत्रों में इनदिनों उग्रवाद चरम पर है, उन मूलतः आदिवासी बहुल क्षेत्रों में वे अपनी गतिविधियाँ तेज कर दी है।
सूचना यह भी है कि एक भारी भरकम लेवी देकर इसाई मिशनरियां अपने विरोधियों पर तरह-तरह के झूठे गंभीर आरोप लगा उनका सफाया कर देते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार झारखण्ड प्रांत के रांची,खूंटी , हजारीबाग, बोकारो, कोडरमा, सिंहभूम, लोहरदगा, चतरा, गुमला, रामगढ , गिरिडीह , देवघर आदि जैसे जिलों समेत पश्चिम बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा के सीमा से लगे जिलों में उग्रवादी संगठनें साशन-प्रसाशन पर इतना भारी है कि उनके समक्ष आत्मसमर्पण करने के अलावे कोई चारा नहीं है। अत्याधुनिक आर डी एक्स ,डायनामाईट , ऐ के-४७ , रॉकेट लांचर आदि जैसे विस्फोटक एवं स्व संचालित सेटेलाईट उपकरणों से लैस इन उग्रवादी संगठनों को एस.पी.,डी.एम्.,विधायक,सांसद से लेकर छोटे-बड़े विकास योजनाओं से जुड़े ठेकेदार जब खूब लेवी देते हैं तो फ़िर इन इसाई मिशानिरियों की बिसात क्या है। उन्हें तो पूर्णतः सुरक्षित एक ऎसी जमीन मिल जाती है ,जोकि एक स्वस्थ लोकतांत्रिक साशन व्यवस्था में बिल्कुल सम्भव नहीं है।

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