शनिवार, 27 मार्च 2010

निकम्मी झारखंड सरकार और शिबू सोरेन का निरालापन

झारखंड विधान सभा के अंदर हो या बाहर. इतना कुशासन मैनें कभी न देखा ! बिहार के गर्भपात से जन्में इस प्रदेश के ताजा स्थिति बहुत ही भयावह है.शासन-प्रशासन कही भी दिखाई दे रहा.बिजली-पानी तक के लिये हाहाकार मचा है. कहीं कोई विकास नहीं हो रहा. हर तरफ मनमानी राज कायम है. सच पूछिए तो जब भाजपा के रघुवर दास और आजसू के सुदेश महतो के सहयोग से झामुमो के सर्वोसर्वा शिबू सोरेन ने मुख्यमंत्री की हैसियत से बागडोर संभाली तो आम जनता को लगा कि हालात कुछ न कुछ जरूर सुधरेगा.लेकिन चेला तो चेला गुरू भी सुभान अल्लाह निकला.इतना निकम्मा मुख्यमंत्री और इतनी निकम्मी सरकार की कल्पना किसी ने भी न की होगी. ताजा हालत देखिये.सर्वत्र उग्रवादियों का तांडव है. यहाँ की पुलिस भी मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के एक निर्दोष वरिष्ठ अधिकारी व उसके मासूम बीबी-बच्चे को डेंगाने में ही अपनी मर्दानगी समझती है.अखबार,रेडियो,टीवी की सप्रमाण सुर्खियाँ के बाबजूद विधानसभा में राज्य सरकार और उसकी मुखिया कहता है कि जांच के बाद कारवाई होगी. कहते है. कि शुरू में जब मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को इस घटना की जानकारी मिली तो उनकी त्वरित प्रतिक्रिया थी.....”उ बिहारी है न.कोई बदमाशी किया होगा.तभी उसे डीएसपी ने डेंगया होगा.छोडो यह सब चलता रहता है.” इसके पूर्व जामताड़ा में एक सभा को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुदान के नाम पर जहां देखो ये गरीब लोग भीख लेने-खैरात माँगने के लिये खड़ा रहता है.सब अपने से कमाओ-खाओ.उनकी सरकार किसी को कुछ भी देने वाला नहीं है.

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